राजस्थान में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा को शीर्ष माना जाता है. लेकिन इस बार सीकर उससे आगे निकल गया. जैसे-जैसे यह खबर लोगों तक पहुंचने लगी तो कोटा की पढ़ाई को लेकर तरह-तरह की बातें होने लगीं. हालांकि अब कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जिसे पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे, और कोटा के पढ़ाई और उसके रिजल्ट पर भी विश्वास करने लगेंगे.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाल ही में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट-यूजी 2024 (NEET-UG 2024) के एग्जाम सेंटर्स का रिजल्ट जारी किया. जब इन परीक्षा परिणामों का एनालिसिस किया गया तो पता चला कि सीकर के एग्जाम सेंटर्स से टॉपर्स की संख्या कोटा के परीक्षा केंद्रों से अधिक रही. ध्यान देने वाली बात ये है कि यह विश्लेषण परीक्षा-केंद्रों के परिणामों का है, जिसे शहर में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट समझे जाने की भूल की जा रही है.
कोटा में पढ़ाई, पर एग्जाम कहीं ओर दिया:
शर्मा ने बताया कि कोटा में पूरी साल तैयारी करने के बाद स्टूडेंट्स अपने-अपने गृह राज्य/शहर चले जाते हैं और वहीं से परीक्षा देने को प्राथमिकता देते हैं. इससे स्पष्ट है कि कोटा की बेहतरीन पढ़ाई का परीक्षा परिणाम यदि परीक्षा केंद्र की दृष्टि से देखा जाए तो उस शहर के खाते में गिना जाएगा, जहां जाकर विद्यार्थी ने एग्जाम दिया है. देश के 20 से अधिक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से स्टूडेंट्स हर साल कोटा आते हैं और यहां कंपीटिटिव एग्जाम की तैयारी करके अपने घर के पास मौजूद परीक्षा केंद्र से परीक्षा में सम्मिलित होते हैं. यही कारण है कि कोटा की बेहतरीन पढ़ाई का रिजल्ट संपूर्ण देश में रिफ्लेक्ट होता है.
कोटा के टीचर्स से ऑनलाइन पढ़ रहे बच्चे:
आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार सीकर के परीक्षा केंद्र से नीट-टॉपर्स की संख्या 149 है, जिसमें जयपुर से 131 हैं तथा कोटा के 74 स्टूडेंट्स हैं. यह एग्जाम सेंटर्स पर परीक्षा में सम्मिलित टॉपर्स हैं जो किसी और शहर से भी संबंधित हो सकते हैं. वर्तमान में कई राज्यों के लाखों स्टूडेंट्स कोटा-कोचिंग सिस्टम से ऑनलाइन जुड़े हैं, और टेस्ट सीरीज व डाउट-सॉल्यूशन पर मार्गदर्शन ले रहे हैं.
सभी को स्पष्ट है कि कोटा-कोचिंग सिस्टम रिजल्ट ओरिएंटेड है और हर कामयाब स्टूडेंट की सफलता में इसकी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भागीदारी है.
यह उदाहरण समझाएगा पूरी कहानी:
उदाहरण के तौर पर, कोटा के रहने वाले न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक वाधवा ने बताया, ‘मेरे दोनों बेटों का परीक्षा केंद्र इस बार अलग-अलग शहर में आया. बेटे अर्पित ने जयपुर में परीक्षा देकर नीट-यूजी में 662-अंक प्राप्त किए, जबकि दूसरे बेटे आदित्य ने कोटा में परीक्षा देकर 610 अंक प्राप्त किए. वर्तमान में किए जाने रहे एनालिसिस के अनुसार अर्पित की सफलता जयपुर के परीक्षा केंद्र के नाम होगी, जबकि उसने पढ़ाई कोटा में की है.
तीन गुना छात्र कोटा से बाहर देते हैं परीक्षा:
देव शर्मा ने बताया कि कोटा में जितने बच्चे एग्जाम सेंटर्स पर परीक्षा देते हैं, उससे करीबन तीन गुना ज्यादा स्टूडेंट्स यहां पढ़ाई करते हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि
सभी विद्यार्थियों को कोटा परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं किया जा सकता:
एग्जाम सेंटर के आवंटन में फीमेल कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है. ऐसे में मेल-कैंडिडेट्स कोटा से बाहर किसी अन्य शहर में परीक्षा देते हैं.
90% से ज्यादा स्टूडेंट्स काउंसलिंग के पात्र:
शिक्षाविद देव शर्मा के अनुसार, ‘कोटा कोचिंग सिस्टम के तहत 50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स नीट-यूजी 2024 परीक्षा में सम्मिलित हुए. इनमें से लगभग 90 प्रतिशत स्टूडेंट्स काउंसलिंग के लिए पात्र घोषित किए गए. जेईई एडवांस्ड 2024 में भी दिल्ली जोन की सफलता का मूल कारण कोटा कोचिंग सिस्टम ही है. कोटा कोचिंग सिस्टम की बदौलत ही राजस्थान नीट-यूजी, जेईई-एडवांस्ड तथा जेईई-मेन में सफलता की दृष्टि से अग्रणी स्थान रखता है. वर्ष-2024 के परीक्षा परिणाम में आईआईटी ऑल इंडिया टॉपर वेद लाहोटी भी कोटा कोचिंग सिस्टम की देन है.
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