भाजपा की मनमानी नही होगी अब ;राज्यसभा में भाजपा के 86, NDA के 101 सांसद: बिल पास कराने में हो सकती है परेशानी..!!

नई दिल्ली – सरकार को बिल पास कराने मे होगी परेसानी ; राज्यसभा में NDA के पास बहुमत नहीं है, लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।
संसद का बजट सत्र 23 जुलाई से शुरू हो रहा है। विपक्ष फिर से सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। वहीं, राज्यसभा में भाजपा के पास 86 सीटें और सहयोगी दलों को मिलाकर यानी NDA के पास 101 सीटें हैं। चार साल बाद भाजपा की स्ट्रैंथ 90 से नीचे से चली गई है। 

NDA को 7 राज्यों से राज्यसभा सीट मिलने की उम्मीद
अब 19 सीटों पर जल्द ही चुनाव होने हैं। भाजपा को 19 सीटें मे से 7 सीटें मिलने की उम्मीद हें |  NDA के गणित के अनुसार , उन्हें बिहार, महाराष्ट्र और असम से 2-2 और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से 1-1 राज्यसभा सीट मिल सकती है।

13 जुलाई को पार्टी के 4 मनोनीत सदस्य सेवानिवृत्त हो गए। राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है। फिलहाल 226 सांसद हैं। इसमें बहुमत का आंकड़ा 113 है। NDA की बहुमत के आंकड़े से 12 सीटें कम है। इस लिहाज से देखें तो सरकार को बिल पास कराने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

माना जा रहा है कि जिन 4 लोगों को राज्यसभा में नॉमिनेट किया गया है, वे भी सरकार का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्हें उच्च सदन में सरकार ही लेकर आई है। सामान्य रूप से राज्यसभा में नामित सदस्य स्वतंत्र होते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से वे उसी का समर्थन करते हैं, जिस दल ने उन्हें नॉमिनेट किया है।

भाजपा 10 साल में 44 से 101 तक पहुंची थी
राज्यसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या आखिरी बार जून 2022 में 90 थी। इसके बाद चुनाव में भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं। 1990 के ऐसा पहली बार हुआ था, जब कोई पार्टी ने 100 का आंकड़ा पार किया था। राज्यसभा में भाजपा के 2014 में 55 और 2019 में 78 सांसद थे।

राज्यसभा में 19 सीटें खाली सीटों का गणित
राज्यसभा में जो 19 सीटें अभी खाली हैं, उनमें जम्मू-कश्मीर से 4 और नामित सदस्यों की 4 सीटें हैं। वहीं, बाकी की 11 सीटें अलग-अलग राज्यों से हैं, जिसमें असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश,राजस्थान और त्रिपुरा हैं। इनमें से 10 सीटें राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने के कारण खाली हुई हैं।

एक सीट भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कांग्रेस में जाने से खाली हुई है। BRS नेता रहे के केशव राव कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव आयोग ने अभी तक इन सीटों पर इलेक्शन की तारीखों का ऐलान नहीं किया है।

7 मनोनीत सदस्य का किसी दल से सम्बंध नही 
हाल ही में जो मनोनीत सदस्य राज्यसभा से रिटायर हुए, उनमें राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी शामिल हैं। 7 मनोनीत सदस्यों ने किसी भी दल की सदस्यता नहीं ली हुई यानी वे असंबद्ध सदस्य हैं। केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति कुल 12 सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करते हैं। 

अगर सरकार को 101 से ज्यादा सीटें मिलती तो सरकार अपना बिल आसानी से पास करवा सकती थी लेकिन इस बार NDA का बहुमत ज्यादा होने की वजह से सरकार को बिल पास कराने मे दिक्कत होगी |
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