नई दिल्ली:” NEET पेपर लीक ” मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में हुई गड़बड़ियों के चलते परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की मांग वाली कई याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत में मामले की सुनवाई सुबह 10.30 बजे से शुरू हो सकती है। इससे एक दिन पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में कहा गया है कि नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है। हलफनामे के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी छात्र को कोई लाभ न मिले। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि जुलाई 2024 के तीसरे हफ्ते से काउंसलिंग शुरू होगी। इस दौरान अगर पाया जाता है कि किसी भी छात्र ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया जाएगा। नीट यूजी मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि आईआईटी मद्रास के डेटा एनालिटिक्स में कोई असामान्यता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखती है।
आपको बता दें कि ” NEET पेपर लीक ” मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को एनटीए और सीबीआई से पेपर लीक होने के समय और परीक्षा के बीच की अवधि के बारे में जानकारी मांगी थी। इस बीच एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है।
सीबीआई ने भी बताया कि ” NEET पेपर लीक ” बड़े पैमाने पर लीक नहीं हुआ:
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सीबीआई ने शीर्ष कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि” NEET पेपर लीक ” की घटना स्थानीय स्तर पर हुई है, सोशल मीडिया पर नीट का पेपर सर्कुलेट नहीं हुआ है।
सरकार ने आईआईटी से कराया नीट रिजल्ट का विश्लेषण
नीट यूजी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नीट परीक्षा परिणाम के डेटा के विश्लेषण के लिए आईआईटी मद्रास से मदद मांगी थी। आईआईटी मद्रास ने साल 2023 और 2024 के शहरवार डेटा में शीर्ष 1.4 लाख रैंक वालों को शामिल किया। परीक्षण यह बताने के लिए पर्याप्त था कि क्या किसी शहर या परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थी को गड़बड़ी का लाभ मिला। हालांकि परीक्षण ने साबित किया कि ऐसा नहीं हुआ। किसी खास शहर या केंद्र में बड़े पैमाने पर बच्चों को असाधारण अंक नहीं मिले हैं। यह जरूर सामने आया कि छात्रों के अंकों में उछाल आया है। यह रेंज 550 से 720 के बीच है। लेकिन, इसके लिए पाठ्यक्रम में 25 फीसदी की कटौती को श्रेय दिया जा सकता है। साथ ही, उच्च अंक पाने वाले छात्र विभिन्न शहरों और केंद्रों में फैले हैं। इसके साफ संकेत हैं कि उच्च अंक मिलने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
नीट काउंसलिंग चार चरणों में होगी:
सरकार ने हलफनामे में कहा है कि काउंसलिंग की प्रक्रिया चार चरणों में जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी। इस दौरान भी किसी अभ्यर्थी के पेपर लीक या गड़बड़ी में शामिल होने की पुष्टि होती है, तो उसे बाहर किया जा सकता है।
नीट मामले पर सुनवाई 10.30 बजे संभव:
कुछ ही देर में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ नीट मामले पर सुनवाई शुरू करेगी। पीठ सुबह 10.30 बजे से सुनवाई शुरू करेगी।
जांच रिपोर्ट साझा करे सीबीआई:
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूछा – प्रश्नपत्र लीक की सूचना सबसे पहले कब मिली, इसका पूरा विवरण साझा करें और लीक के साधन का भी पूरी जानकारी दें।
सीबीआई के अधिकारी जांच की त्वरित रिपोर्ट अदालत में पेश करें, बताएं कि जांच कहां तक पहुंची है। अब तक उन्होंने क्या पाया है गुरुवार को इसकी जानकारी दें।
परीक्षा रद्द नहीं करना चाहती है, लेकिन वह प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसका लाभ लेने वालों की पहचान कैसे करेगी?
कोर्ट ने पूछा- नीट पेपर लीक से कितने लोगों को फायदा हुआ:
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- नीट यूजी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ, इस पर कोई सवाल नहीं है। हम अनियमितता का प्रभाव जानना चाहते हैं। बहुत से संदेह हैं- जैसे 67 छात्रों को 720 में 720 अंक मिले। हम जानना चाहते हैं कि पेपर लीक से कितने लोगों को फायदा हुआ, केंद्र ने इनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की है। कितने गलत लोगों का रिजल्ट रोका गया, इनका भौगोलिक विवरण क्या है।
नीट परीक्षा रद्द करने से लाखों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है- केंद्र सरकार:
परीक्षा रद्द करने से लाखों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। इसलिए परीक्षा रद्द करने की जरूरत नहीं है। वहीं याचिकाकर्ताओं ने कहा, प्रश्नपत्र लीक होने से परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि पेपर लीक हुआ है:
सोमवार को नीट मामले से जुड़ी 30 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और सीबीआई से कई सवाल पूछे थे। कोर्ट ने माना कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। अगर परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, सोशल मीडिया से प्रश्नपत्र को प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा का आदेश हो सकता है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। अगर हम दोषियों की पहचान नहीं कर पाते हैं तो पुनः परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि पेपर लीक का प्रभाव कितना था, इसी आधार पर दोबारा परीक्षा का निर्णय होगा। अदालत ने सरकार से कहा कि परीक्षा को लेकर क्या हुआ, इसे नकारा नहीं जा सकता। मान लीजिए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करना चाहती है, लेकिन वह प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसका लाभ लेने वालों की पहचान कैसे करेगी?
एनटीए और केंद्र सरकार ने हलफनाम में क्या कहा:
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनटीए व केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि वह नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है। हलफनामे के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी छात्र को कोई लाभ न मिले। केंद्र सरकार ने कहा कि परीक्षा में कोई बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि जुलाई 2024 के तीसरे हफ्ते से काउंसलिंग शुरू होगी। इस दौरान अगर पाया जाता है कि किसी भी छात्र ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया जाएगा। नीट यूजी मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि आईआईटी मद्रास के डेटा एनालिटिक्स में कोई असामान्यता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखती है।
नीट पर टेलीग्राम वीडियो को एनटीए ने बताया फर्जी:
एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में नीट पेपर लीक मामले पर कथित टेलीग्राम वीडियो को फर्जी बताया। एनटीए ने कहा कि वह वीडियो 4 मई का दिखाने के लिए एडिट किया गया था। टेलीग्राम चैनल के सभी सदस्य भी फर्जी थे। एनटीए ने कहा कि नीट यूजी मामले में टॉप 100 कैंडिडेट 56 शहरों के 95 सेंटर से हैं, इसलिए कुछ परीक्षा केंद्रों से ही टॉपर का आरोप निराधार है।
नीट परीक्षा परिणाम के बाद ही उठने लगे थे सवाल:
नीट यूजी परीक्षा 5 मई को हुई थी। इसमें करीब 24 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। 4 जून को रिजल्ट आया था। इसके बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे। परीक्षा में एक साथ 67 टॉप कर गए। सभी को 720 में से 720 नंबर मिले। ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने 100 फीसदी नंबर पाए। कई संस्थानों में विभिन्न एजेंसियों की जांच जारी है।
सोमवार को हुई थी नीट पर सुनवाई:
नीट यूजी पेपर लीक मामले पर इससे पहले सोमवार को सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर अगली सुनवाई करते हुए एनटीए को भी हलफनामा दायर करने के लिए कहा था। इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई 2024 को होगी। सीबीआई ने नीट मामले में कथित पेपर लीक को लेकर मंगलवार (9 जुलाई 2024) को दो और लोगों को पटना से गिरफ्तार किया था।
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