सदन में जातिवाद हुआ हावी, रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी बीच जातिवाद मतभेद …

” रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी” चौधरी के किलों-महलों के बयान पर भाटी का पलटवार:बोले-उम्र छोटी है, बात छोटी नहीं बोलूंगा

लोकसभा चुनाव में शुरू हुए विधायक हरीश चौधरी और रविंद्र सिंह भाटी के बीच आरोप-प्रत्यारोप थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुरुवार को विधानसभा में एक-दूसरे बिना नाम लिए एक-दूसरे पर तंज कसते नजर आए।

जनजाति क्षेत्रीय विकास व मांग एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता के मुद्दे पर हरीश चौधरी ने कहा- क्रांतिकारी कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि ने ठाकुर का कुआं कविता के जरिए भेदभाव का दर्द बया किया था। वो ही दर्द इस बजट को पढ़कर दिखेगा। हमारा क्या है, हमारा कुछ नहीं है, सब कुछ ठाकुर का है।

इस मुद्दे पर रविंद्र सिंह भाटी ने पलटवार करते हुए कहा- कुछ देर पहले सदन में किलों और महलों की बात चल रही थी। यह क़िले, यह महल शौर्य एवं गाथा के प्रतीक है। यह तमाम क़िले एवं महल अर्पण, तर्पण और समर्पण के प्रतीक है, तमाम मुग़ल आक्रांताओं से बहन-बेटियों को सुरक्षित रखने के प्रतीक है, शरणागतों को शरण देने के लिए काम आते थे।

भाटी ने कविता पढ़ते हुए कहा- राजस्थान एक हरा भरा, खुशाल एवं स्वाभिमान वाला प्रदेश है लेकिन जब उस सदन के अंदर ही यहां की परंपराओं को तार-तार किया जाता है तो यह सभी के लिए पीड़ा की बात है।

लोकसभा चुनाव में हरीश चौधरी और भाटी एक-दूसरे पर बिना नाम लिए आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे है। गुरुवार को सदन में भी यह सिलसिला जारी रहा।
लोकसभा चुनाव में हरीश चौधरी और भाटी एक-दूसरे पर बिना नाम लिए आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे है। गुरुवार को सदन में भी यह सिलसिला जारी रहा।
मल्टी नेशनल कंपनियों के बहाने भाटी ने जातिवाद पर साधा निशाना

भाटी ने पश्चिमी राजस्थान की बात करते हुए कहा- आज की समय में हमारे क्षेत्र में ऐसी खूब सारी चीज़ें है। जिससे वह इन तमाम लोगों को मुख्यधारा में ला सकते है। इस बात का दुख है की चंद लोगों का तमाम मल्टी नेशनल कंपनियों पर अधिकार हो गया। जिस कारण यह तमाम लोग सब कुछ होने के बाद भी आज अभावों में जीने को मजबूर है।

आज के समय में आर्थिक रूप से एक आर्थिक सामंतवाद पश्चिमी राजस्थान में आ चुका है। उन्होंने कहा की चंद वोट के लिए एक समाज को दूसरे समाज से लड़ाने की एक नई प्रथा कुछ लोगों द्वारा शुरू की गई है जो की निंदनीय है।

सदन की गरीमा बनाए रखने का किया निवेदन

रवींद्र सिंह भाटी ने अपने वक्तव्य में कहा- सदन में उम्र के अनुसार मैं सबसे छोटा हूं, लेकिन जब तमाम लोग, आने वाली पीढ़ी और युवा साथी उम्मीद लगा रहे हैं कि तमाम जनप्रतिनिधि सदन में कुछ अच्छी बात करेंगे। उनके भविष्य और विकास की बात करेंगे। उन पर यह सब देखने के बाद क्या गुजरती होगी।

हरीश चौधरी के बयान के सदन में हंगामा हो गया। बीजेपी विधायक ने हरीश चौधरी पर आरोप लगा दिए।
हरीश चौधरी के बयान के सदन में हंगामा हो गया। बीजेपी विधायक ने हरीश चौधरी पर आरोप लगा दिए।
विधानसभा में गूंजी पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र के पिछड़ों एवं आदिवासियों की समस्याएं

रवींद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास व मांग एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सदन के सामने अपने विचार रखें। भाटी ने अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहा- बाड़मेर, जैसलमेर एवं बालोतरा में मंगनियार, लंगा, दमामी एवं मिरासी समाज है। जो कि शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक कहीं न कहीं हर तौर पर सक्षम नहीं है। आज ज़रूरत है की हम सब मिलकर इन तमाम लोगों को मुख्य धारा में लेकर आएं।

उन्होंने साथ कहा- पाक विस्थापित बंधुओं की, गाड़िया लोहार समाज, जोगी समाज, समस्त पशुपालक जातियां, गावरिया समाज, ओढ़ समाज, सांसी समाज, नाथ समाज, कालबेलिया समाज, साथ ही साथ समस्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जातियों के लोगों के पास आज के समय में उनके पास कोई भी तरीके की भूमि नहीं है। यह सब समाज हमारे अपने हैं और ये लोग कहीं गोचर में बैठे हैं या सरकारी ज़मीनों पर बैठे हैं। ऐसे समस्त लोगों को मुख्यधारा में लाने का दायित्व सभी सदस्यों का है।

भाटी बोले- भील व नायक समाज एक ही है उन्हें अलग-अलग डाल रखा है

भाटी ने सामाजिक न्याय मंत्री से निवेदन किया कि वह नए छात्रावासों के लिए एक विशेष पैकेज पश्चिमी राजस्थान को प्रदान करें। साथ ही साथ उन्होंने संबंधित मंत्री से मांग की है कि भील समाज एवं नायक समाज एक ही है। उन्हें अलग-अलग कैटेगरी में डाल रखा है। इन सभी को एक साथ किए जाने की ज़रूरत है।

भाटी ने सरकार के सामने अनुसूचित जाति की ही तर्ज़ पर भील समाज को भी कृषि लाइट कनेक्शन में वरीयता देने की मांग रखी। भाटी ने कहा- टाडा-माडा जैसी योजनाओं को बाड़मेर जैसलमेर और बलोतरा में रहने वाले तमाम वंचित शोषित परिवारों के विकास के लिए यह विशेष योजना शुरू करनी बहुत आवश्यक है।

भाटी ने कहा- मेरे इलाके में आज भी कई समाज ऐसे हैं जिनके किसी भी प्रकार के छात्रावास अब तक नहीं हैं। मेरी सरकार और मंत्री से मांग है कि ऐसे तमाम समाजों के लिए एक बेहतर छात्रावास की व्यवस्था की जानी चाहिए। रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी रविन्द्र सिंह व हरीश चौधरी
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